सर्दियों में प्रेगनेंसी को कैसे बनाएं बेहतर और प्रेगनेंसी में अपनाएं ये खास आयुर्वेदिक उपाय
हमारे देश में, सर्दी बहुत ज्यादा होती है और सर्दियों को मौसम अच्छा बी माना जाता है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान महिला के मन में गर्भ में पल रहे बच्चे को लेकर तरह-तरह के सवाल और चिंताएं होती हैं। ये चिंताएँ जरुरी भी हैं। क्योंकि सर्दियों के दौरान हर किसी की इम्यूनिटी कमजरो जाती है । और ऐसे में गर्भवती महिलाओं को विभिन्न संक्रमण पकड़ सकते हैं। जो लंबे समय तक चल सकते हैं। इसलिए सर्दियों में प्रेगनेंसी को कैसे बेहतर बनाए इस पर विस्तार से चर्चा करने वाले हैं।
प्रेगनेंसी में सर्दियों की चुनौतियों का सामना कैसे करें और सर्दी के मौसम में फिट और फाइन रहें । यह बता रहीं हैं आशा आयुर्वेदा की फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ चंचल शर्मा। यदि आप उनकी बातों को फॉलो करती हैं तो माँ एवं बच्चे दोनों को सेहत में अच्छा इजाफा होगा।
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- खूब पानी पिएं- गर्भावस्था के दौरान त्वचा में खिंचाव और कभी-कभी खुजली होती है। गर्म पानी से नहाने से रूखापन और भी बढ़ जाता है। पानी शरीर को भीतर से हाइड्रेट करता है, इसलिए मॉइस्चराइजर क्रीम के बाहरी उपयोग के अलावा पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ का सेवन करके अपनी त्वचा को नमीयुक्त बनाए रखें। यह भी सलाह दी जाती है कि हमेशा गुनगुना पानी पीने की कोशिश करें।
- सर्दी में विशेष प्रकार के जूते पहने – हाँ, यह सच है। गर्भवती महिला को सही प्रकार के जूते पहनने चाहिए । क्योंकि यह न केवल ठंड से बचाता है और फिसलने से भी बचाता है।
- टाइट कपड़े पहनने से बचें- गर्भवती महिला को वैसे तो हर मौसम में आराम दायक से कपड़े पहनने चाहिए। लेकिन सर्दियों के दौरान, उन्हें ऐसे कपड़ो को सिलेक्टर करना होगा जो उनको सर्दियों में उठने बैठने में आसानी हो। सर्दियों के लिए गर्भवती कामकाजी महिलाओं को एक से अधिक ऊनी कपड़े पहनने की सलाह भी दी जाती है।
- इन्फ्लुएंजा का टीका लगवाएं (अपने चिकित्सक से परामर्श करने के बाद) – ठंड के मौसम में नाक के साइनस के आसपास की महीन केशिकाओं में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को अधिक भीड़भाड़ जगह पर माथे में भारीपन महसूस होता है। गंभीर सर्दी से बुखार, सिरदर्द और निमोनिया हो सकता है। यदि आप गर्भावस्था के अंतिम तिमाही के दौरान टीडीएपी वैक्सीन (इन्फ्लूएंजा, डिप्थीरिया और टेटनस) लेने के लिए सोच रही हैं। तो अपने डॉ से परामर्श जरुर करें और गर्भवती महिला की पूरी जांच के बाद ऐसे कर सकती है। यह मां और नवजात शिशु के लिए भी फायदेमंद होता है।
- मास्क का प्रयोग करें- सर्दियों में सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है, विशेषकर महानगरों में तो ऐसे में जब भी बाहर जाएं तो हमेशा मास्क का प्रयोग करें।
आयुर्वेदिक एवं घरेलू उपायों को अपनाएं –
- नियमित श्वास व्यायाम करें। अनुलोम विलोम और अन्य जैसे योग अभ्यास तनाव से राहत, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने आदि में मदद करते हैं।
- आयुर्वेद चिकित्सा और जीवन शैली का विकल्प चुनें।
- गुनगुना पानी, विटामिन सी से भरपूर भोजन लें।
- नस्य पंचकर्म चिकित्सा के अनुसार नाक के सूखेपन से बचने के लिए तेल की बूंदों का प्रयोग करें
- यदि संयोग से आपको सर्दी लग जाती है, तो अपने चिकित्सक से परामर्श करें। नाक बहने से बचें क्योंकि यह गुरुत्वाकर्षण (गर्भवती) गर्भाशय पर दबाव डालता है। बार-बार खांसने से पानी की थैली का रिसाव हो सकता है, जो बच्चे के लिए एक बड़ा जोखिम है, और इससे समय से पहले जन्म हो सकता है।
- साफ-सफाई बनाए रखें और नियमित रूप से हाथ धोते रहें।
- सही प्रकार का भोजन, सब्जियां और फल अपनी डाइट में शामिल करें।
- यदि आपको ज्यादा सर्दी से परेशान हो रही है तो सुबह शाम गर्म पानी की भाप भी ले सकती है।
- जीवन शैली में परिवर्तन – गर्भावस्था और प्रसवोत्तर के दौरान एक महिला के लिए जीवनशैली में बदलाव करना पड़ता है। यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में बताए गए जलवायु और ऋतु परिवर्तनों के अनुसार, एक महिला के शरीर और जीवन शैली में भी बदलाव का अनुभव होता है, जिसके लिए आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रसवोत्तर के दौरान आराम देने में मदद करती है।
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क्या सर्दियों के मौसम में गर्भवती महिलाएं अदरक का सेवन कर सकती है ?
अदरक का इस्तेमाल भारत के हर घर में कई तरह के खाने में किया जाता है। जबकि अदरक में बहुस सारे औषधीय गुण होते है। वहीं गर्भवती महिलाओं को कभी-कभी चिंता होती है कि क्या उन्हें गर्भावस्था के दौरान अदरक खाना चाहिए और कितनी मात्रा में, अब उन्हें खुद को और अपने बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी होगी।
सर्दियों में अदरक की थोड़ी सी मात्रा गर्भवती महिलाओं की सेहत के लिए अच्छी होती है। यह गर्भावस्था के दौरान मतली और उल्टी को नियंत्रित करने में मदद करता है। और पाचन में भी मदद करता है। इसलिए, यह पहली तिमाही के दौरान विशेष रूप से सहायक होता है, यदि गर्भवती महिला में महत्वपूर्ण लक्षण दिखाई देते हैं। अदरक शरीर में होने वाले दर्द जैसे पीठ दर्द और टांगों में ऐंठन, जो गर्भावस्था के दौरान होता है, से राहत दिलाने में भी मदद कर सकता है। परंतु अधिक मात्रा में अदरक का सेवन न करें क्योंकि अदरक की तसीर गर्भ हो सकती है। जो आपकी गर्भवस्था को प्रभावित कर सकती है।
क्या गर्भवती महिलाएं सर्दियों के मौसम में हल्दी का सेवन कर सकती है ?
आयुर्वेद के अनुसार यह सदियों से जाना जाता है। कि हल्दी में एंटी-वायरल और एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं। यह कई लोगों के लिए आश्चर्य की बात हो सकती है, लेकिन सर्दियों में हल्दी वाला दूध पीने से गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। यह सर्दियों में जीवन रक्षक की तरह है और गर्भावस्था के दौरान तेज सर्दी और खांसी से भी छुटकारा दिला सकता है।
क्या सर्दियों में गर्भवती महिलाएं केसर का सेवन कर सकती है?
गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय केसर को दूध के साथ लेना शुरू कर सकती हैं। हालांकि, पहली तिमाही (पहले महीने से लेकर तीसरे महीने तक) में केसर से बचना सुरक्षित है। आयुर्वेद गर्भावस्था के चौथे महीने के बाद ही केसर के सेवन की सलाह देता है, जब आपको गर्भ में पल रहे शिशु की हलचल महसूस होने लगती है।