महिलाओं को क्यों होता है , बार-बार यूरिन इंफेक्शन
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन या यूरिन इंफेक्शन महिलाओं में सबसे आम हैं। यह पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में अधिक आम है। 50% महिलाओं को अपने जीवन में कम से कम एक बार मूत्र मार्ग में संक्रमण होता है। लगभग एक तिहाई किशोरियों में संक्रमण होने की पूरी संभावना होती है। आवश्यकतानुसार पानी न पीने पर बार-बार यूरिन इंफेक्शन का खतरा बना रहता है।
यूरिन संक्रमण कई कारकों के कारण हो सकता है, जिसमें अधिक शराब पीना, अस्वच्छता और लंबे समय तक मूत्र को रोक कर रखना । अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह किडनी को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। बार-बार पेशाब आना, पेशाब करते समय जलन और पेट में दर्द यूरिन संक्रमण के सामान्य लक्षण हैं।
कब होती है महिलाओं में यूरिन संक्रमण होने की अधिक संभावना ?
मेनोपॉज – महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन मेनोपॉज की उम्र (45-50 वर्ष) में होता है। यह हार्मोनल उतार-चढ़ाव का भी समय है। इस समय सबसे ज्यादा संक्रमण होने की संभावना होती है। क्योंकि इस दौरान महिलाओं की योनि में रुखापन आ जाता है । और खुजली भी अधिक होती है , जिससे कारण संक्रमण का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
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महिलाओं में यूरिन संक्रमण होने के कारण –
महिलाओं के पेशाब संक्रमण होने के बहुत सारे कारण है। जो महिलाओं के पेशाब मार्ग का संक्रमित कर देते है।
- महिलाओं कि किड़नी या फिर मूत्रमार्ग – जो महिलाएं किडनी स्टोन या फिर ब्लैडर स्टोन की समस्या से जूझ रही है। उन्हें यूरिन इंफेक्शन का अधिक डर रहता है। इसलिए किडनी स्टोन होने पर साफ-सफाई (हाइजीन) का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- पेशाब मार्ग की लंबाई – पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के मूत्रमार्ग की लंबाई कम होती है। जिससे बैक्टीरियां के अंदर जाने के अधिक चांस होते है। ऐसे में महिलाओं को पुरुषों की तुलना में यूरिन संक्रमण की अधिक संभावना होती है।
- अनुवांशिक – यूरिन इंफेक्शन का संबंध परिवार से भी होता है। क्योंकि यदि फैमली में किसी को यूटीआई की परेशानी रही है। तो आगे आने वाली पीढ़ी को होने के चांस होते है।
- चुस्त कपड़े – बहुत सारे अध्ययन एवं शोधों से यह निष्कर्ष निकला है। कि यदि कोई महिला तंग कपडे या फिर टाइट अंडरवियर पहनती है। तो ऐसी महिलाओं एवं युवतियों को यूटीआई का अधिक डर रहता है।
- मधुमेह (डायबिटीज ) – जो महिलाएं एवं युवतियाँ मधुमेह से परेशान है। उनको पेशाब संक्रमण की अधिक परेशानी होती है। क्योंकि मधुमेह में ब्लड शुगर का उच्चताप होने से ब्लैडर पूर्ण तरीके से रिक्त नही हो पाता है। ऐसी स्थिति में महिलाओं को पेशाब संक्रमण की दिक्कत होती है।
- सेक्स पार्टनर की अधिकता – यदि एक से अधिक पुरुषों से साथ संबंध स्थापित करती है। तो यूरिन इंफेक्शन का डर बना रहता है। ऐसे में आप जल्दी जल्दी यूटीआई से ग्रसित हो सकती है।
यूरिनरी इन्फेक्शन के लक्षण –
महिलाओं को ऐसे कई लक्षण महसूस होते है, जो यूरिनरी इन्फेक्शन के संकते देते है।
- पेशाब करते समय दर्द और जलन
- पेशाब में दुर्गंध आना।
- योनि में खुजली होना।
- पेशाब का अधिक पीला या फिर मटमैला जैसा दिखाई देना।
- पेशाब करते समय बहुत अधिक दबाव महसूस होना।
यूरिनरी इन्फेक्शन की जांच कैसे करें –
मूत्र परीक्षण (Urine microscopic test) – यदि आपको मूत्र पथ के संक्रमण का संदेह है, तो तुरंत टेस्ट कराएं। अन्यथा यह अन्य गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकता है। कुछ मामलों में, मूत्र पथ के संक्रमण गुर्दे के कार्य को भी प्रभावित कर सकते हैं। यह संक्रमण रोग को अन्य अंगों में भी फैला सकता है। गुर्दा की बीमारी जीवन के लिए खतरा हो सकती है, खासकर अगर बैक्टीरिया सेप्टीसीमिया के रूप में रक्तप्रवाह में प्रवेश करते हैं।
यूरिनरी इन्फेक्शन की रोकथाम कैसे करें –
- महिलाओं को यूरिनरी इन्फेक्शन से बचने के लिए खूब पानी पीना चाहिए। जो यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका है। पीने के अलावा अधिक से अधिक तरल पदार्थ जैसे – लस्सी, दही, दूध , जूस आदि का सेवन करना चाहिए।
- बाथरूम जाने के बाद हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए और व्यक्तिगत स्वच्छता आवश्यक है।
- अंडरवियर रोज बदलें और धोकर धूप में सुखाएं।
- यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन को मामूली नहीं समझना चाहिए। लेकिन कुछ आसान सावधानियों से इससे पूरी तरह बचा जा सकता है।
- संबंध बनाने के बाद पेशान जरुर करनी चाहिए। यह आपको संक्रमण से बचाने में मदद करता है।
- भूलकर भी आपको प्राइवेट पार्ट में किसी भी प्रकार का सुगंधिक पदार्थ (डिओरोरेंट) का इस्तेमाल नही करना चाहिए। इससे पेशाब मार्ग संक्रमित हो सकता है।
- कभी भी पेशाब को रोककर नही रखना चाहिए। जब भी पेशाब जाने का मन हो तो तुरंत आपको पेशाब करनी चाहिए। पेशाब रोकने से संक्रमण बढ़ने की दर अधिक बढ़ जाती है।
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